महाकुंभ 2025: आस्था और दिव्यता का महापर्व
मेषराशिगते जीवे मकरे चन्द्रभास्करौ |
अमावश्या तदा योगः कुम्भख्यतीर्थ नायके ||
अर्थात: जब बृहस्पति मेष राशि में, और चंद्र-सूर्य मकर राशि में होते हैं, तथा अमावस्या तिथि पड़ती है, तब प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होता है।
महाकुंभ 2025: पौराणिक पृष्ठभूमि
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और असुरों ने अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया था। अमृत का कलश (कुंभ) ले जाते समय भगवान विष्णु ने इसे सुरक्षित रखने के लिए गंगा सहित चार पवित्र स्थानों—हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन, और नासिक—पर अमृत की कुछ बूंदें गिरा दीं। इन स्थानों की पवित्रता के कारण हर 12 वर्षों में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।
प्रयागराज महाकुंभ 2025: भव्यता और आयोजन का स्वरूप
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से शुरू होकर लगभग 40-45 दिनों तक चलेगा और फरवरी 2025 के अंत तक जारी रहेगा। इस महापर्व में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है।
महाकुंभ 2025 के विशेष प्रबंध
प्रयागराज महाकुंभ 2025 को विश्वस्तरीय आयोजन बनाने के लिए व्यापक व्यवस्थाएँ की गई हैं:
1. 12 किमी लंबाई के घाट: स्नान के लिए तैयार।
2. पार्किंग सुविधा: 1850 हेक्टेयर क्षेत्र में।
3.आवास प्रबंधन: 25,000+ पब्लिक एकोमोडेशन, 1,50,000 टेंट और शौचालय।
4.सड़क और पुल निर्माण: 450 किमी चकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल।
5. स्ट्रीट लाइट्स: 67,000 से अधिक लाइट्स।
महाकुंभ 2025 के विशेष आकर्षण
हिमांगी सखी: पहली किन्नर जगतगुरु
महाकुंभ 2025 में हिमांगी सखी को शंकराचार्य की उपाधि दी जाएगी। वे सनातन धर्म के प्रचार के लिए देशभर में यात्राएँ करेंगी।
पिंक टैक्सी सेवा
महाकुंभ में महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली पिंक टैक्सी सेवा 15 दिसंबर से शुरू होगी। यह सुविधा विशेष रूप से महिलाओं और श्रद्धालुओं के लिए है।
शिवालय पार्क
17 करोड़ की लागत से बना शिवालय पार्क, 12 ज्योतिर्लिंगों के मंदिरों की प्रतिकृतियों से सजाया गया है। यहां रामेश्वरम, केदारनाथ, सोमनाथ, और काशी विश्वनाथ जैसे मंदिरों का अनुभव प्राप्त होगा।
महाकुंभ 2025: आस्था के मुख्य स्नान पर्व
– पौष पूर्णिमा: 13 जनवरी 2025
– मकर संक्रांति: 14 जनवरी 2025
– मौनी अमावस्या: 29 जनवरी 2025
– वसंत पंचमी: 3 फरवरी 2025
– माघी पूर्णिमा: 12 फरवरी 2025
– महाशिवरात्रि:26 फरवरी 2025
महाकुंभ 2025: आस्था का महासंगम
महाकुंभ 2025 केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था का महापर्व है। इसमें उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक का संगम होगा। यह महाकुंभ सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट कर उनके लिए आध्यात्मिक यात्रा का मार्ग प्रशस्त करेगा।
महाकुंभ 2025: आइए, इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बनें और पवित्र प्रयागराज में आस्था के इस महासागर का अनुभव करें।
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में होने वाले इस भव्य धार्मिक महोत्सव की जानकारी प्राप्त करें।अधिक जानकारी के लिए देखें [kumbh.gov.in](https://kumbh.gov.in/)।”