How was share market today 28/10/2014
स्थिति पर एक विश्लेषण
आज शेयर मार्केट में दिवाली के आगमन का स्वागत किया, भारतीय स्टॉक मार्केट ने सकारात्मक की हलचल दिखाई। पिछले कुछ दिनों में बड़ी गिरावट के बाद अब निवेशकों के बीच एक बार फिर से उत्साह लौटा है। पिछले 20 सेशनों में FII ने 10 बिलियन यूएस डॉलर से अधिक की बिक्री की है, जिसके कारण मार्केट में उतार-चढ़ाव देखा गया।
हालांकि, ICICI बैंक के मजबूत परिणामों ने मार्केट में कुछ स्थिरता और सकारात्मकता लौटाई है। बैंकिंग सेक्टर और व्यापक इकोनॉमी के लिए ICICI का प्रदर्शन एक अच्छा संकेत माना जा रहा है।
मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में अवसर और चुनौतियाँ
मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में भी सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है, लेकिन इनकी अधिक वैल्यूएशन निवेशकों को सतर्क कर रही है। ऐसे समय में समझदारी से निवेश करना आवश्यक है, खासकर जब स्टॉक्स अधिक मूल्यवान दिखाई दे रहे हों।
ओयल और एनर्जी सेक्टर
एक उभरता हुआ हीरो ओयल और एनर्जी सेक्टर ने हालिया वैश्विक जियो-पॉलिटिकल घटनाओं, जैसे इज़राइल-ईरान संघर्ष और अमेरिकी चुनाव की स्थिति से लाभ उठाया है। इस क्षेत्र में सकारात्मकता जारी रहने की संभावना है, जिससे इसके स्टॉक्स में आकर्षण बढ़ा है। निवेशकों को सलाह है कि वे इस सेक्टर के रुझान पर ध्यान बनाए रखें, क्योंकि वैश्विक घटनाएँ इसे प्रभावित करती हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक की भूमिका और आर्थिक स्थिरता
भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास को लगातार दूसरी बार A+ ग्रेड से सम्मानित किया गया है। मुद्रास्फीति नियंत्रण, आर्थिक वृद्धि, और ब्याज दर प्रबंधन में उनकी नीतियों ने भारतीय इकोनॉमी को स्थिर बनाए रखने में मदद की है। कोविड के बाद की परिस्थितियों में यह संतुलन भारतीय इकोनॉमी के लिए सकारात्मक साबित हो रहा है।
अगले वर्ष की संभावनाएँ और वित्तीय चुनौतियाँ
अगले वर्ष संभावित जीडीपी में गिरावट की संभावना के कारण कुछ वित्तीय चुनौतियाँ उभर सकती हैं। इससे आरबीआई पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव बन सकता है। ऐसे में यह देखना होगा कि बाजार की स्थितियों को संतुलित करने के लिए किस तरह के नीतिगत फैसले लिए जाते हैं।
मार्केट के मुख्य पहलू और वर्तमान घटनाएँ
एफआईआई की बिक्री: एफआईआई ने पिछले सप्ताह में 1 लाख करोड़ रुपये की बिक्री की है, जिससे मार्केट में अस्थिरता आई है। दीर्घकालिक निवेशकों को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए और सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।
वैश्विक घटनाओं का असर: इजराइल-ईरान संघर्ष जैसे मुद्दों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और तेल की कीमतों पर असर हो सकता है। निवेशकों को इस प्रकार की घटनाओं के प्रभाव से सतर्क रहना चाहिए।
चीन की अर्थव्यवस्था: चीन की अर्थव्यवस्था अब $18 ट्रिलियन के करीब पहुँच चुकी है। यह वैश्विक बाज़ारों को प्रभावित कर सकती है, इसलिए निवेशक उच्च गुणवत्ता की कंपनियों में ही निवेश करें। ऐसा माना जा रहा है कि भारत से पैसा निकालकर चीन की इकोनॉमी में FII पैसा लगा रहे हैं। FII चीन को एक नया विकल्प की तरह देख सकते हैं परंतु भारत में अभी काफी समय तक ग्रोथ की संभावनाएं हैं लिहाजा सचेत रहने की जरूरत है परंतु निराश होने की नहीं, अगर भारत की ग्रोथ बनी रहती है ,अगर कंपनियों की अर्निंग होती हैं , तो FII का पैसा दोबारा भारत लौट कर आएगा क्योंकि FII का एक उद्देश्य है पैसा बनाना।
चाइनीज़ दोपहिया और ईवी निर्माताओं की प्रतिस्पर्धा: इस बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए।
मार्केट के मौजूदा रुझानों को देखते हुए यह समझना आवश्यक है कि लंबे समय तक धैर्य रखना लाभदायक हो सकता है। इस दिवाली पर निवेश के साथ-साथ समझदारी भी बनाए रखें और हाइप वाले स्टॉक्स में निवेश से बचें। दीर्घकालिक रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए संतुलित निवेश करें।
संक्षेप में:
मार्केट में अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है।
वैश्विक घटनाओं और घरेलू आर्थिक नीतियों पर नजर बनाए रखें।
बड़े निवेशक धीरे-धीरे निवेश करें और छोटे निवेशक SIP/STP पर ध्यान दें।
उच्च गुणवत्ता की कंपनियों का चयन कर दीर्घकालिक लाभ को सुनिश्चित करें।
इस दिवाली, बाजार में सकारात्मकता के बीच संतुलित निवेश का संकल्प लें और दीर्घकालिक रणनीति के साथ बढ़ते रहें।