धनतेरस 2024
धनतेरस 2024 29 अक्टूबर को है।धनतेरस का पर्व देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि को समर्पित होता है। इस दिन विशेष पूजा और खरीदारी की जाती है, जिससे समृद्धि और खुशहाली का आगमन माना जाता है।
धनतेरस 2024 मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6:57 बजे से 8:21 बजे तक है। प्रदोष काल शाम 5:55 बजे से 8:21 बजे तक रहेगा, और वृषभ काल 6:57 बजे से 9:00 बजे तक रहेगा। त्रयोदशी तिथि की शुरुआत सुबह 10:31 बजे से हो रही है, और इसका समापन दोपहर 1:15 बजे पर होगा।
धनतेरस पर किन चीजों की खरीदारी से बचना चाहिए
धनतेरस पर काले या गहरे रंग की वस्तुएं, चीनी मिट्टी के सामान, कांच, एल्युमीनियम, और लोहे की चीजें नहीं खरीदनी चाहिए।
धन्वंतरि कौन थे
इस दिन क्योंकि भगवान धन्वंतरि इस दिन स्वर्ण कलश लेकर अवतरित हुए थे इसलिए लिया मान्यता के अनुसार लोग बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं लोग सोने के सिक्के है गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां झाड़ू और गोमती चक्र भी भी इस दिन खरीदते हैं।
लक्ष्मीः कौस्तुभपारिजातकसुराधन्वन्तरिश्चन्द्रमाः।
गावः कामदुहा सुरेश्वरगजो रम्भादिदेवांगनाः।
अश्वः सप्तमुखो विषं हरिधनुः शंखोमृतं चाम्बुधेः।
रत्नानीह चतुर्दश प्रतिदिनं कुर्यात्सदा मंगलम्।
एक प्रसिद्ध श्लोक के अनुसार, समुद्रमंथन से प्राप्त चौदह रत्न इस प्रकार हैं: लक्ष्मी, कौस्तुभ मणि, पारिजात वृक्ष, सुरा, धन्वंतरि, चंद्रमा, कामधेनु गाय, ऐरावत हाथी, रम्भा जैसी देवांगनाएं, उच्चैःश्रवा नामक घोड़ा, विष, हरि का धनुष, शंख, और अमृत।
इन रत्नों का पृथ्वी पर अवतरण समुद्र मंथन के क्रम में हुआ:
शरद पूर्णिमा को चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी को कामधेनु, त्रयोदशी को धन्वंतरि, चतुर्दशी को काली माता, और अमावस्या को महालक्ष्मी का प्रादुर्भाव हुआ।
भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद के आदिप्रवर्तक और स्वास्थ्य के अधिष्ठाता देवता माना जाता है, जो विश्व के पूजनीय हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु ने जगत कल्याण के लिए 24 अवतार धारण किए, जिनमें धन्वंतरि 12वें अंशावतार हैं। ये साक्षात श्री हरि का ही रूप हैं।